नमस्कार दोस्तों – आज फिर मै एक और नया सत्य लेकर आपके सामने आया हूँ दोस्तों अगर आप मेरी इन बातो तो पसंद करते है तो शेयर जरुर जरुर करे आप शेयर करेगे तो और दोस्तों को भी इन बातो का पता चल जायेगा|
आओ आज की बात हम शरु करते है –
(1)
समय अमूल्य है जिन्दगी में एक वर्ष का क्या महत्त्व है यह इसी वर्ष फ़ैल हुए विघार्थी से पूछिये| एक माह का महत्व जानना है तो उस माँ से मिलिए जिसने नौ माह बच्चे को जन्म दिया है | एक सप्ताह का महत्त्व जानना है तो किसी साप्ताहिक पत्र के सम्पादक से मिलिए एक दिन का महत्त्व जानना है तो मजदूरी करने वाले किसी मजदूर से मिलिए जो एक दिन की मजदूरी छोड़ चूका हो |एक घंटे का महत्त्व जानना है तो सिकंदर से पूछिये जिसने आधा राज्य देकर एक घंटे मौत को टालने का आग्रह किया था | एक मिनिट का महत्व उस भाग्याशाली से जानो जो वर्ल्ड ट्रेड सेण्टर की इमारत गिरने से ठीक एक मिनिट पहले ही बाहर सुरक्षित निकला है | अब बचा एक सेकंड तो एक सेकंड का महत्त्व उस धावक से पूछिये जो इसी एक सेकंड की वजह से स्वर्ण पदक पाते पाते रजत-पदक पर रह गया है|
(2)
भगवान के सामने दीप जलाओ तो इस बात का अहंकार मत करना कि मैंने आज दीप जलाया है | अरे ! तुम क्या दीप जलाओगे ? भगवान के समक्ष कुदरती दो दीप तो जलते ही रहते है दिन में सूरज जलता है और रात में चद्रमा जलता है तुम्हारे दीप सूरज और चाँद का मुकाबला तो नहीं कर सकते ना |तो फिर अहंकार क्यों ? बस इतना ही विचार करना कि हे प्रभु ! मै नदी के जल से सागर को पूज रहा हूँ दीप्से सूरज की आरती उतार रहा हूँ हे प्रभु ! तेरा ही तुझको अर्पण कर रहा हूँ |
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(3)
सूरज के उगने और डूबने का समय निश्चित है गाडी के आने और जाने का समय निश्चित है मगर जिन्दगी का समय निश्चित नहीं है जीवन की गाडी कभी भी छुट सकती है अतः चलने की पूरी तैयारी रखे तैयारी नहीं होगी तो मामला गड़बड़ हो जायेगा स्कूल जाने से वाही बच्चा डरता है जिसने होम-वर्क नहीं किया है आयकर अधिकारी से वही व्यापारी घबराता है जिसके खाते ठीक नहीं होते है और मौत को अपने करीब आते देख वही व्यक्ति रोता चिल्लाता है जिसकी चलने की तयारी नहीं है |
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