सभी दोस्तों तो मेरा नमस्कार| आज हम आपको बहुत
ही अच्छे टॉपिक पर कुछ बताना चाहते है हमें तो यह टॉपिक बहुत ही अच्छा लगा उमीद
करता हूँ किआपको भी यह बहुत पसंद आयेगा|आओ अब शुरू करते है-
(1)
मौत दो बातो पर हँसती है एक तब जब डॉक्टर मरीज से कहता है
कि तुम निश्चित रहो –मै हूँ ना | और दूसरा तब जब किसी के मरने पर कोई आदमी कहता है
“बेचारा चल बसा” बेचारा चल बसा- यह कहने वाला इस अंदाज में कहता है जैसे वह कभी
नहीं मरेगा| मौत उसके इस अंदाज पर हँसती है और कहती है ठीक है बच्चू ! तूने उसको
बेचारा कहा है तो अब तेरा नंबर है यहाँ कौन है ? जो मृत्यु की क्यू (लाइन) में न
खडा हो ? इसलिए मनुष्य को अहंकार नहीं करना चाहिए |
(2)
बुजुर्गो की संगति करो| क्योकि बुजुर्गो के चेहरे की एक-एक
झुर्री पर हजार-हजार अनुभव लिखे होते है
उनके कांपते हुए हाथ ,हिलती हुई गर्दन ,लड़खड़ाते हए कदम और मुरझाया हुआ
चेहरा सन्देश देता है कि जो भी शुभ करना है ,वह आज-अभी और इसी वक्त कर लो| कल कुछ
नहीं कर पाओगे| बूढ़ा इंसान इस संसार का सबसे बड़ा शिक्षालय है क्योकि उसे देखकर
उगते हुए सूरज की डूबती कहानी का बोध होता है|
(3)
लक्ष्मी पूजा के
काबिल तो है लेकिन भरोसे के काबिल नहीं है लक्ष्मी की पूजा तो करना मगर लक्ष्मी पर
भरोसा मत करना और भगवान की पूजा भले ही मत करना लेकिन भगवान पर भरोसा हर-हाल में
रखना| दुनिया में भरोसे के काबिल सिर्फ भगवान ही है लक्ष्मी का क्या भरोसा? वह तो चंचला है आज यहाँ और कल वहां है जिस जिस
ने भी लक्ष्मी पर भरोसा किया आखिर में वह रोया है
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