हेलो दोस्तों – एस.एल. पोर्टल में आपका स्वागत है
यहाँ आये सभी दोस्तों तो मेरा नमस्कार! आज हम आपको बहुत ही अच्छे टॉपिक पर कुछ
बताना चाहते है हमें तो यह टॉपिक बहुत ही अच्छा लगा उम्मीद करता हूँ कि आपको भी यह
बहुत पसंद आयेगा| आओ अब शुरू करते है-
(1)
आज कुछ लोग के द्वारा धर्मं और मजहब के नाम पर ,जाति के नाम
पर और भाषा के नाम; देश और दुनिया को
बाँटा जा रहा है ऐसे बांटने वालो को हम यह बात कहते है कि ऐ बांटने वालो इंसानों!
तुमने लकीर खीच कर जमीन को तो बाँट दिया है लेकिन हम तुम्हारी शक्ति उस दिन मानेगे
जिस दिन तुम आसमान में लकीर खीच कर दिखाओगे जिस दिन तुम हवा बांटकर दिखाओगे कि
यह हिन्दू की हवा है और यह मुसलमान की हवा है, अगर तुम में ताकत है तो जरा समय को
हिन्दू और मुसलमान के बीच बांटकर दिखाओ| तब हम आप को मानेंगे| कि हाँ अब मनुष्य भी
सब कुछ कर सकता है|
(2)
मनुष्य की चूसने की आदत बहुत पुरानी है जब वह पैदा हुआ तो
पैदा होते ही माँ का स्तन चूसने लगा|फिर थोडा बड़ा हुआ तो अंगूठा चूसने लगा| फिर और
बड़ा हुआ तो आम और गन्ना चूसने लगा और जब पूरा बड़ा हुआ तो मनुष्य का खून चूसने लगा
मच्छर और मनुष्य दोनों काटते है| फिर भी मच्छर से मनुष्य ज्यादा खतरनाक है कारण कि
मच्छर काटता है तो सिर्फ खून पीता हैस, लेकिन जब मनुष्य काटता है तो पूरे खानदान तक
का खून पी जाता है मनुष्य को अगर ऊंचा उठना है तो चुसने और काटने की आदत छोड़नी
होगी|
(3)
आँख बड़ी नालायक है, किसी से लड़ जाए तो दु:ख देती है, किसी
से भिड जाए तो दुःख देती है| अगर यह आ जाये (eye-flu) तो दुःख देती है और चली जाये
तो दुःख देती है जिन्दगी में अधिकतर गड़बडिया इसी आँख से शुरू होती है| तक भी तो
डंडे भले ही पीठ पर पड़े, तो भी अंशु तो आँख को ही बहाने पड़ते है| यह आँख झुक जाए
तो हया बन जाती है, उठ जाए तो दुआ बन जाती है आँख के बड़े कारनामे है बाहर की आँख
मूंदे (बंद हो),इससे पहले भीतर की आँख खुल जानी चाहिये वरना इतिहास में तुम्हारा
नाम अन्धो की सूचि में दर्ज होगा|
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बता दूंगा तो मुझे comments box में comments करे और मेरे इस ब्लॉग को फॉलो करे|
इस ब्लॉग में आपको बहुत से ऐसे टॉपिक को समझा दुगा जो आप जानना चाहते है आप मुझे
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