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Sunday, 7 July 2019

हमारे जीवन का अनमोल व कड़बा सच/सत्य पार्ट-9


सभी दोस्तों तो मेरा नमस्कार| आज हम आपको बहुत ही अच्छे टॉपिक पर कुछ बताना चाहते है हमें तो यह टॉपिक बहुत ही अच्छा लगा उमीद करता हूँ किआपको भी यह बहुत पसंद आयेगा|आओ अब शुरू करते है-

(1)
अपने होश-हवास में कुछ ऐसे सत्कर्म जरुर कर लेना कि मृत्यु के बाद तुम्हारी आत्मा की शान्ति के लिए किसी और को भगवान् से प्रार्थना ना करनी पड़े क्योकि औरो के द्वारा की गयी प्रार्थनाये तुम्हारे बिल्कुल भी काम आने वाली नहीं है क्या तुम्हे पता नहीं है कि अपना किया हुआ और अपना डिया हुआ ही काम आता है? आज मन की भूमि पर ऐसे बीज मत बोना कि कल उनकी फसल काटटे समय आंसू बहाने पड़े| हमेशा दान और पुण्य का कार्य करना चाहिए तभी आपकी आत्मा संतुष्ट होंगी|

(2)
कोई मंदिर गिर जाये तो बहुत ज्यादा घबराने की जरुरत नहीं है ,कोई मस्जिद टूट जाये तो भी हो-हल्ला मचाने की जरुरत नहीं है| मंदिर और मस्जिद तो सैकड़ो बार बनेगे टूटेगे लेकिन इंसानियत का मंदिर एक बार खंडित हो गया तो फिर किसी में इतना दम नहीं है की उसे फिर दुवारा से खडा कर सके| क्या मिट्टी की ईटो,चुना और सीमेंट का मूल्य इंसानियत की ईंटो ,चारित्र के चुना और सत्य के सीमेंट से ज्यादा हो सकता  है|

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(3)
कुत्ता-कल्चर समाज में तेजी से बढ़ रहा है पहले लोग गाय पालते थे ,अब लोग कुत्ता पालते है एक समय हमारे घर के बाहर लिखा होता था-“अतिथि देवो भाव:”| फिर लिखा जाने लगा-“शुभ लाभ”| समय आगे बढ़ा ,तो इसके बाद लिखा गया –“वैलकम”| और अब लिखा जाता है –“कुत्ते से सावधान”| यह सांस्कृतिक पतन हगे कुत्ते को रोटी देना ,मगर उससे प्रेम मत करना प्रेम करोगे तो मुंह चाटेगा,लाठी मारोगे तो पैर काटेगा ,उसका चाटना और काटना दोनों बुरे होते है
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